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क्रिकेट या कुछ और ......

जितेन्द्र पंडित

बाप रे.......बाप....... इतना चौका-छक्का, इतना ग्लैमर, इतना मनोरंजन, इतना पैसा, इतना टैलेंट, इतने दर्शक, इतनी तालियां, इतनी गालियां, इतनी बेशर्मी, इतनी ईषर्या, इतना घिनौना क्या-क्या नहीं इस आईपीएल में। यह क्रिकेट को बर्बादी की ओर ले जा रहा है या अबादी की ओर न तो खिलाडिय़ों को पैसे बटोरने की धुंध में सोचने का वक्त है और न ही बीसीसीआई के पास।   आईपीएल की शुरुआत न तो खिलाडिय़ों के खेल को सुधारने के लिए किया गया था और न ही खिलाडिय़ों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के इरादे से। इसकी शुरुआत इंडियन क्रिकेट लीग 'आईसीएल' जो जी समूह द्वारा २००७ में इंडिया टीम की मिट्टी पलिद होने के बाद बनाई गई थी, उसको तोडऩे एवं पैसा कमाने के लिए बनाया गया।
  आईपीएल के पांचों लीग विवादों से भरा रहा है। देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ी आपस में दुश्मनी कर लेते हैं। ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि देश के लिए खेलते समय दोनों एक दूसरे का सहयोग करेंगे। कैसे उम्मीद की जा सकती है कि हरभजन की गेंद पर आया कैच उस थप्पड़ को भूल कर श्रीसंत पकड़ लेगा। मुझे नहीं लगता की आईपीएल को बंद किया जाएगा और न ही इसमें सुधार की गुंजाइश है।
   राजनीतिक गलियारे में इसका विरोध शुरू हो गया है। जहां एक ओर पूर्व क्रिकेटर एवं भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने इसमें कालाधन लगाने की बात को उठाया और विरोध स्वरूप धरना पर बैठ गए हैं। वहीं मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूबे में आईपीएल नहीं होने देने का ऐलान कर दिया है। संसद में भी यह मुद्दा शोर-शराबे के साथ उठ चुका है। जैसे-जैसे आईपीएल पुराना होते जा रहा है वैसे-वैसे विवादो का सिलसिला भी बढ़ते जा रहा है। शुरुआत हरभजन के थप्पड़ कांड से हुई, उसके बाद ललीत मोदी और थरूर विवाद ने ने दोनों को ले डूबा। और इस साल तो हद हो गई। एक निजी टीवी चैनल पर स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से आईपीएल-5 में मैच फिक्सिंग का खुलासा किया। हालांकि बीसीसीआई और आईपीएल प्रशासन हरकत में आई और आपात बैठक बुलाकर तुरंत पांचों खिलाडिय़ों को निलंबित कर दिया। निलंबित क्रिकेटरों में पुणे वॉरियर्स के मोहनीश मिश्रा, डेक्कन चार्जर्स के टीपी सुधींद्र, किंग्स इलेवन पंजाब के अमित यादव व शलभ श्रीवास्तव और दिल्ली डेयर डेविल्स के अभिनव बाली शमिल हैं। इसके बाद बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने 16 मई 2012 को कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियन्स की मैच के बाद शराब के नशे में वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (एमसीए) के अधिकारियों और सुरक्षा कर्मचारियों से मारपीट और गाली-गलौच की। इस मामले में एमसीए की शिकायत के बाद शाहरुख के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बाद में एमसीए ने शाहरुख पर वानखेड़े में प्रवेश पर 5 साल की बैन लगा दी। अभी सेमीफाइनल में दिल्ली डेयरडेविल्स पर जीत के बाद शाहरूख खान द्वारा दर्शकों को चप्पल दिखाने का ममला सामने आया है। अगर हम विदेशी खिलाडिय़ों की चरित्र की बात करे तो इसमें उनका कोई दोष नहीं है। अगर वह किसी महिला से छेड़छाड़ करे या रेप करें क्योंकि यह उनकी आदत में सुमार है। पूर्व में एक चियर्सलीडर ने खिलाडिय़ों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस बार छेड़छाड़ के साथ मारपीट भी हुई। एक अमेरिकी महिला के साथ रॉयल चैलेंजर्स के खिलाड़ी पोमर्शबैक ने छेडख़ानी की। बीच बचाव में महिला के बॉयफ्रेंड को भी पीटा गया। इस मामले में रायल चैलेंजर्स के मालिक विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ माल्या ने महिला के चरित्र पर ही सवाल खड़ा कर दिया।
 इधर कई विषय विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल में कालाधन लगा है। इसमें दाउद के साथ-साथ अन्य काले कारनामे करने वालों का भी पैसा लगा है। इस मुद्दे पर सांसद कीर्ति आजाद का कहना है कि मैं समझता था कि आईपीएल सिर्फ मनोरंजन का साधन है लेकिन अब इसके जरिए विदेशी मुद्रा की हेराफेरी हो रही है। हम विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं।
 विवाद का आलम यह है कि अभी एक होटल में रेव पार्टी पर मारे गए छापे में देश के लिए खेल चुके राहुल शर्मा सहित एक अन्य खिलाड़ी पकड़ा गया एवं चार आईपीएल खिलाड़ी छापे के पहले निकल चुके थे। रेव पार्टी में मादक पदार्थों के साथ मादक लड़कियों का भी सेवन किया जाता है। इस दौरान ११० ग्राम मादक पदार्थ भी जब्त किया गया। सभी आरोपियों को ब्लड एवं यूरिन का सैंपल लेकर छोड़ दिया गया। टीम के ड्राइंग रूम से लेकर होटल में रंगरलियां सहित क्या-क्या होता है पता नहीं। कितनी विवादों का अंदर ही निपटारा हो जाता होगा इसका अंदाजा बाहर आए मामलों से लगाया जा सकता है।
अंत में मुख्य बात यह है कि ग्लैमर, कॉरपोरेट और खूब सारे पैसे को मिलाकर तैयार आईपीएल का 'कॉकटेल' लोगों को पसंद आया। खिलाड़ी वित्तीय रूप से मजबूत भी हुए। लेकिन सभी घटनाओं पर नजर डालने के बाद यहीं कहा जा सकता है यह तमाशा अब क्रिकेट के लिए एक खतरा बनते जा रहा है। अत: बीसीसीआई सहित सभी को आईपीएल पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।



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